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Tuesday, 24 July 2018

130. वंस एगेन Once Again - गजाला

नौ वर्ष बाद COME BACK
वंस एगेन- गजाला करीम, एक्शन उपन्यास.
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लगभग नौ वर्ष बाद उपन्यास जगत में वापसी करने वाली गजाला करीम का 'Once Again' एक लघु उपन्यास है।
     यह उपन्यास उन लोगों के चेहरे से नकाब उतारता है जो देश के खिलाफ काम करते हैं। जिनका दिखाने का चेहरा अलग है और वास्तविक चेहरा अलग है।  वर्तमान में आतंकवाद एक बड़ी समस्या है और यह उपन्यास आतंकवाद के चेहरे को बेनकाब करता है।
   
    ‌ अगर उपन्यास की कहानी की बात करें तो यह एक लघु उपन्यास है। जिसमें एक्शन है लेकिन साथ में देश के प्रति जान देने वाली जासूस गजाला का रोचक अंदाज भी है।

जासूस गजाला के लिए एक पंक्ति आती है उपन्यास में- "मैं बंदूक से निकली गोली से भी ज्यादा तेज हूँ।" (पृष्ठ-64)
     
                 जासूस गजाला को एक दिन एक रेस्टोरेंट में बैठे चार लड़कों  पर शक होता है की कहीं न कहीं‌ इनका संबंध देश विरोधी ताकतों से है।
              इस शक के आधार पर जब गजाला  इनका पीछा करती है तो उसके हाथ कुछ सबूत लगते हैं और जब वह  सत्यता तक पहुंचती है तो कई ऐसे चेहरे बेनकाब होते हैं जिस पर देश को विश्वास था।
संवाद-
    किसी भी कहानी में संवाद उसके आवश्यक तत्व होते हैं। हालांकि यह एक एक्शन प्रधान जासूसी उपन्यास है इसलिए इसमें सार्थक संवाद की उम्मीद कम है लेकिन फिर भी कुछ संवाद पठनीय है।
- कुछ सवाल ऐसे होते हैं जिनका जवाब वक्त खुद देता है। (पृष्ठ-14)
- कई बार वक्त को अहम बनाने के लिए वक्त को व्यर्थ करना पड़ता है। (पृष्ठ-81)
- जान लेना जिहाद नहीं, जीवन देना जिहाद है। (पृष्ठ-97)
Once Again-
                उपन्यास की नायिका गजाला जिसका पूरा नाम है गजाला प्रियवंशी। जो एक भारतीय जासूस है लेकिन वह किसी कारणवश अपनी संस्था से अलग हो जाती है लेकिन नौ वर्ष बाद उसकी वापसी उसी संस्था में होती है।
         दूसरी तरफ यह नाम लेखिका गजाला करीम के जीवन को भी परिभाषित करता है। लेखिका गजाला करीम जो लगभग नौ वर्ष बाद उपन्यास जगत में पुनः सक्रिय हो रही है।
   देखा जाये तो यह उपन्यास गजाला प्रियवंशी के बहाने गजाला करीम के लिए ONCE AGAIN है।
  इसलिए लेखिका महोदया अपने लेखकीय में लिखती है "नौ वर्ष पश्चात टुकड़ों में बिखरी मैं‌ जब आप सभी के बीच लेखन सहितरही हूँ तो केवल हर्ष से भरी हूँ बल्कि थोड़ी नर्वस भी हूँ।" (पृष्ठ -06)
शीर्षक-
      यह उपन्यास पहले online साइट पर EBOOK के रुप में Come Back नाम से प्रकाशित हुआ था लेकिन कुछ विशेष कारणों से प्रिट रुप में आते वक्त इसका नाम Once Again हो गया।
    वंस अगेन उपन्यास शीर्षक होने के साथ-साथ लेखिका के जीवन से भी संबंधित है।
"यहाँ सर्वप्रथम उस विषय पर विशेष रूप से प्रकाश डालना चाहूंगी कि मेरी पुस्तक का शीर्षक तीन विषयों से संबंधित है। मुझसे, कथानक से प्रकाशक से।" (पृष्ठ-10)
विशेष:-
             उपन्यास में विशेष है तो लेखिका द्वारा दिया गया वह संदेश जो मानवता/इंसानियत के नाम है। लेखिका ने जासूस गजाला प्रियवंशी के माध्यम से कहा भी है।- " मैं‌ मानवता  की पूजारी हूं, मानवता के हित में काम करती हूँ।" (पृष्ठ-111)
           उपन्यास में लेखिका मे स्पष्ट किया है की हिंदू- मुस्लिम तो एक साथ प्रेम से रहना चाहते हैं, लेकिन चंद राजनीतिक/ भ्रष्ट और दिशाहीन लोग अपने निकृष्ट स्वार्थ के लिए जनता को गुमराह करते  हैं।
    "एक लीडर अपनी राजगद्दी को सदा अपने कब्जे में करने के लिए सर्वप्रथम आमजन का बँटवारा करता है।" (पृष्ठ-108)
  
गलतियाँ-
           उपन्यास में एक जगह पृष्ठ संख्या 87 पर कब सोनाली और गनमैन क्रमश: गजाला और अमन में बदलते हैं पता ही नहीं चलता।
निष्कर्ष-
                देश में रहकर देश के प्रति विरोधी भावना रखने वाले लोगों को बेनकाब करता यह उपन्यास मध्यम स्तर का है।  उपन्यास में एक्शन दृश्य ज्यादा हैं‌।
        अगर उपन्यास ज्यादा अच्छा नहीं है तो पाठक को निराश भी नहीं करेगा।
              उपन्यास एक बार पठनीय है।
मेरी कहा‌नी, मेरी जुबानी- गजाला करीम की आत्मकथा।
                    उपन्यास के अंत में लेखिका गजाला करीम की आत्मकथा भी प्रकाशित है।
     मेरे विचार से लोकप्रिय उपन्यास जगत में गजाला करीम और सुरेन्द्र मोहन पाठक ही ऐसे दो उपन्यासकार हैं जि‌नकी आत्मकथा प्रकाशित हुयी है।
          इस आत्मकथा में लेखिका के लेखन क्षेत्र के प्रवेश से लेकर प्रस्तुत उपन्यास का मार्मिक वर्णन है।
    इस आत्मकथा को निम्न लिंक पर जाकर पढा जा सकता है।
मेरी कहानी, मेरी जुबानी, आत्मकथा, गजाला करीम
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उपन्यास- वंस अगेन (ONCE AGAIN)
लेखिका- गजाला करीम
Email- gazalakreem86@mail.com
प्रकाशन- जून, 2018
पृष्ठ- 168
मूल्य- 80₹
प्रकाशक- रवि पॉकेट बुक्स- मेरठ।

   

2 comments:

  1. Sir jee, Yeh Novel release nai hui kya?

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  2. अच्छा उपन्यास था यह मुझे बहुत बढ़िया लगा यह।

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