एक छोटी सी मर्डर मिस्ट्री
आग का खेल- आरिफ माहरवी, मर्डर मिस्ट्री, औसत उपन्यास।
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आरिफ माहरवी अपने समय के चर्चित उपन्यासकार रहे हैं। मैंने इस उपन्यास से पहले उनका लिखा गया कोई भी उपन्यास नहीं था।
आग का खेल उनका लिखा गया एक छोटा सा परंतु रोचक उपन्यास है।
सेठ सोमनाथ जो की शहर के एक प्रसिद्ध व्यवसायी है। एक रात उनके कमरे में आग लग जाती है और सेठ जी उस आग में जल कर मर जाते हैं।
CID के अफसर को यह मामला दिया जाता है और वे अपने विवेक से इस मर्डर मिस्ट्री को हल करते हैं। और अनंतः असली अपराधी को पकङ लेते हैं।
उपन्यास की यही एक छोटी सी कहानी है और शेष उपन्यास इस पर केन्द्रित है।
आग का खेल- आरिफ माहरवी, मर्डर मिस्ट्री, औसत उपन्यास।
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आरिफ माहरवी अपने समय के चर्चित उपन्यासकार रहे हैं। मैंने इस उपन्यास से पहले उनका लिखा गया कोई भी उपन्यास नहीं था।
आग का खेल उनका लिखा गया एक छोटा सा परंतु रोचक उपन्यास है।
सेठ सोमनाथ जो की शहर के एक प्रसिद्ध व्यवसायी है। एक रात उनके कमरे में आग लग जाती है और सेठ जी उस आग में जल कर मर जाते हैं।
CID के अफसर को यह मामला दिया जाता है और वे अपने विवेक से इस मर्डर मिस्ट्री को हल करते हैं। और अनंतः असली अपराधी को पकङ लेते हैं।
उपन्यास की यही एक छोटी सी कहानी है और शेष उपन्यास इस पर केन्द्रित है।
- सेठ सोमनाथ का हत्यारा कौन है?
- सेठ सोमनाथ की हत्या क्यों की गयी?
- हत्यारा कैसे पकङा गया।
उपन्यास में बार-बार कई पात्रों पर शक होता है की ये पात्र हत्यारा हो सकता है। और कभी ये अभी लगता है कहीं कोई गहरी साजिश तो नहीं।
- सेठ सोमनाथ की हत्या क्यों की गयी?
- हत्यारा कैसे पकङा गया।
उपन्यास में बार-बार कई पात्रों पर शक होता है की ये पात्र हत्यारा हो सकता है। और कभी ये अभी लगता है कहीं कोई गहरी साजिश तो नहीं।
किसी भी मर्डर मिस्ट्री में तीन प्रश्न महत्वपूर्ण होते हैं ( मृत्यक और हत्यारा, हत्या का कारण, हत्यारा कैसे पकङा गया) और कहानी इन्हीं पर ही आधारित होती है। आग का खेल उपन्यास में यही तीनों बाते संतुलन बना कर चलती हैं।
हत्या होने के पश्चात पाठक के मन में सर्वप्रथम यही प्रश्न उठता है की हत्यारा कौन है। यहाँ भी सेठ सोमनाथ की हत्या के पश्चात् यही प्रश्न पूरे उपन्यास में घूमता है।
और CID के होनहार सदस्य इरफान(उपन्यास में इर्फान लिखा है) और कैसर इस रहस्य को सुलझाते हैं।
उपन्यास में दृश्य भी ज्यादा नहीं है। चार-पांच जगह से ज्यादा के दृश्य नहीं है।
सेठ सोमनाथा का घर, सोहना लाल का घर , होटल, CID का आॅफिस इत्यादि।
उपन्यास के प्रथम दृश्य में लेखक दादर के दृश्य को छोङकर कहीं भी ऐसा नहीं लगता के उपन्यास में कोई अनावश्यक विस्तार हो। और उपन्यास का यही दृश्य हास्य उत्पन्न करने वाला है।
"रोमांस तो लेखकों का भाग्य होता है बेगम...वह वास्तविक जीवन में नहीं तो उपन्यास के पन्नों में रोमांस लङाते हैं। बाल सफदे भी हो जायें तो भी ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे उपन्यास के हीरो हम ही हैं।" (पृष्ठ-24)
निष्कर्ष में कह सकते हैं की आरिफ माहरवी का उपन्यास आग का खेल एक औसत स्तर का उपन्यास है। उपन्यास छोटा सा है लेकिन किसी भी स्तर पर पाठक को निराश भी नहीं करता। कहानी एक बार तो पठने योग्य है।
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उपन्यास- आग का खेल
लेखक - आरिफ माहरवी
प्रकाशक- स्टार पॉकेट बुक्स, 4/5 B, आसफ रोङ, नई दिल्ली-01
वर्ष- नवंबर, 1971
पृष्ठ- 128
मूल्य-
हत्या होने के पश्चात पाठक के मन में सर्वप्रथम यही प्रश्न उठता है की हत्यारा कौन है। यहाँ भी सेठ सोमनाथ की हत्या के पश्चात् यही प्रश्न पूरे उपन्यास में घूमता है।
और CID के होनहार सदस्य इरफान(उपन्यास में इर्फान लिखा है) और कैसर इस रहस्य को सुलझाते हैं।
उपन्यास में दृश्य भी ज्यादा नहीं है। चार-पांच जगह से ज्यादा के दृश्य नहीं है।
सेठ सोमनाथा का घर, सोहना लाल का घर , होटल, CID का आॅफिस इत्यादि।
उपन्यास के प्रथम दृश्य में लेखक दादर के दृश्य को छोङकर कहीं भी ऐसा नहीं लगता के उपन्यास में कोई अनावश्यक विस्तार हो। और उपन्यास का यही दृश्य हास्य उत्पन्न करने वाला है।
"रोमांस तो लेखकों का भाग्य होता है बेगम...वह वास्तविक जीवन में नहीं तो उपन्यास के पन्नों में रोमांस लङाते हैं। बाल सफदे भी हो जायें तो भी ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे उपन्यास के हीरो हम ही हैं।" (पृष्ठ-24)
निष्कर्ष में कह सकते हैं की आरिफ माहरवी का उपन्यास आग का खेल एक औसत स्तर का उपन्यास है। उपन्यास छोटा सा है लेकिन किसी भी स्तर पर पाठक को निराश भी नहीं करता। कहानी एक बार तो पठने योग्य है।
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उपन्यास- आग का खेल
लेखक - आरिफ माहरवी
प्रकाशक- स्टार पॉकेट बुक्स, 4/5 B, आसफ रोङ, नई दिल्ली-01
वर्ष- नवंबर, 1971
पृष्ठ- 128
मूल्य-
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