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Wednesday 30 November 2022

545. निमिष - ब्रजेश कुमार शर्मा

क्या समय यात्रा संभव है?
निमिष - ब्रजेश कुमार शर्मा
    
समय किसी के लिए नहीं रुकता
टाइम मशीन के लिए भी नहीं
कौन थी वो रहस्यमयी लेकिन बेहद खतरनाक युवती जो निर्धारित डैडलाइन में दो लोगों को मार न पाने की स्थिति में महाविनाश की चेतावनी दे रही थी और महाविनाश से उसका क्या मतलब था?
...
एक चार घंटे का साधारण-सा लगने वाला मिशन मौत का जाल बन गया था जिसमें निमिष और अवनी बुरी तरह फंसकर रह गए थे। मौत कदम-कदम पर उनके पीछे थी
और उन्हें हर कदम पर मौत को मात देनी थी
...
ये उपन्यास समय यात्रा यानि टाइम ट्रेवल पर सबसे हटकर लिखे गये उपन्यासों में से है। इसमें लेखक ने टाइम ट्रेवल से जुड़े बूटस्ट्रेप पैराडॉक्स जैसे पैराडोक्सेज पर चर्चा करते हुए उनके एक सम्भावित समाधान की थ्योरी प्रस्तुत की है।     
     लोकप्रिय उपन्यास साहित्य में ब्रजेश शर्मा जी का नाम नवोदित लेखकों में आता है। जिन्होंने कम समय में अपनी एक विशिष्ट पहचान स्थापित की है। इन्होंने अब तक कुल आठ उपन्यास लिखें हैं। पूर्व के सात उपन्यास इनके छद्म नाम 'अजिंक्य शर्मा' से प्रकाशित हुये हैं। प्रस्तुत उपन्यास 'निमिष' इनके वास्तविक नाम ब्रजेश शर्मा नाम से प्रकाशित हुआ है।
निमिष- अर्थात पलक झपकने जितना समय। समय का सबसे छोटा अंश। 
तो क्या घटित हो सकता है इतने छोटे से समय में?
  यह कहानी है एक रिसर्च मिशन पर जाने वाली टीम की।  
10 अगस्त 2022 
निमिष शुक्ला ने बैड के किनारे साइड टेबल पर रखी छोटी-सी घड़ी पर नजर मारी।
4 बज रहे थे।
....... वो पोर्टो रिको में सान जुआन के एक प्रसिद्ध होटल सी पैलेस के रूम नंबर 245 में ठहरा हुआ था। वो यहां छुट्टियां बिताने आया था।
तभी निमिष के पास उसके दोस्त अभीजीत का फोन आता है। - अभिजीत उसका हमपेशा मित्र था, जो पहले उसी के  साथ एयरलाइंस में पायलट था। निमिष ने कई बार उसके साथ उड़ान भरी थी।
अभिजीत ने बताया की एक साइंटिफिक रिसर्च टीम प्यूर्टो रिको से न्यूयॉर्क जा रही है। और उनका प्राइवेट प्लेन प्यूर्टो रिको से न्यूयॉर्क तक उड़ाना है।
   तय समय पर प्लेन ने उड़ान भरी, पर वह प्लेन न्यूयॉर्क पहुंचने की जगह भविष्य में पहुँच गया। 
    सन् 2022 से चला वह एयरोप्लेन सन्  2122 में पहुंच  गया। आखिर यह कैसे संभव हुआ? यह जानने के लिए निमिष उपन्यास पढना होगा। 
    
              ब्रजेश कुमार शर्मा जी द्वारा लिखित निमिष एक समय यात्रा पर आधारित रोमांच से परिपूर्ण उपन्यास है। लोकप्रिय साहित्य में समय यात्रा पर लिखे गये उपन्यास न के बराबर ही हैं। हालांकि इन दिनों दो और उपन्यास भी प्रकाशित हुये हैं जो एक अलग तरह से समय यात्रा का वर्णन करते हैं। आलोक सिंह खालौरी जी का उपन्यास 'यामी' ईसा से पांच सौ वर्ष पूर्व अजातशत्रु के शासन काल की यात्रा करवाता है वहीं दिलशाद अली जी का उपन्यास 'युगांतर' भी अपने  समय से अलग -अलग समय की यात्राओं पर चलता है। और ब्रजेश शर्मा जी का निमिष भी सन् 2022 से सन् 2122 की यात्रा पर चला जाता है।
  ऐसे प्रयोग चलते रहने चाहिए ताकी साहित्य में विविधता बनी रहे। वैसे भी ब्रजेश शर्मा जी अपने उपन्यास में कुछ अलग करने में विश्वास रखने वाले व्यक्ति हैं। 
  तो पाठक मित्रो, 
पोर्ट रिको से वह जहाज उड़ान भरता है। जिसमें पायलेट सहित कुल छह व्यक्ति( निमिष, अवनि, सुनीता, ऐनी, प्रमेश) होते हैं। पायलट के अतिरिक्त शेष वैज्ञानिक एक मिशन पर जाते हैं। और मिशन क्या है? यह बताती है टीम की एक साथी ऎनी- ''हां तो मैं कह रही थी कि बरमूडा ट्राइएंगल में प्लेनों और जहाजों के रहस्यमयी ढंग से गायब होने के पीछे किसी बड़ी रहस्यमयी ताकत का हाथ है, ऐसे सबूत हमें कुछ अरसा पहले मिले थे। और अब उन्हीं सबूतों की पुष्टि करने के लिए हम इस मिशन पर यहां आए हैं।"
  लेकिन स्वयं उन लोगों को भी नहीं पता था की उनके जीवन में क्या रहस्य घटित होने वाले हैं। उनके प्लेन में एक और शक्ति भी उपस्थित थी। जो मौत का  संदेश लायी थी।
"...स्कारलेट ने तुम लोगों के लिए एक संदेश भेजा है।’’-वो बोली। '
'कौन स्कारलेट?’’-ऐनी ने सतर्क स्वर में कहा-''कैसा संदेश?’’ 
''तुम सब मरने वाले हो।’’ 
और संदेश लाने वाली के बारे में कहा जाता है-
वो जहां जाती थी, मिनटों में लाशें बिछा देती थी। मरने के बाद जिंदा हो जाती थी। महाविनाश की बातें कर रहीं थीं। और जब वे उसकी पहुंच से दूर निकल आने की सोच कर चैन की सांस लेने की कोशिश कर रहे थे तो उनसे कई किलोमीटर दूर बैठे-बैठे ही उसने फिर उन्हें मौत के जाल में फंसा दिया था।
   और वह कौन थी? और क्यों इस रिसर्च टीम के पीछे पड़ी थी। यह रहस्य तो उपन्यास पढने पर ही उजागर होगा।
     हाँ, तो यह एयरोप्लेन प्यूर्टो रिको से उड़कर  न्यूयॉर्क पहुंचने की जगह पहुँच जाता है सन् 2022 में अर्थात् अपने समय से एक सौ वर्ष आगे। जहाँ के लोग इस पुराने जहाज को देखकर चकित हो रहे थे। वहीं पायलट द्वय भी हैरान थे की आखिर वह है कहां?
दूसरी ओर से बोल रहे शख्स ने कहा-''तुम्हारा प्लेन तो पुराना है ही, तुम खुद भी लगता है, उसी समय के हो।’’ 
समय! निमिष को अपने पूरी शरीर पर चींटियां रेंगतीं सी महसूस हुईं। 
''ये कौन-सा साल है?’’-निमिष ने पूछा।
 ''2122।’’ कुछ पलों तक सन्नाटा रहा।
''क्यों?’’-फिर दूसरी ओर से तीखा स्वर सुनाई दिया-''तुम्हें नहीं पता ये कौन-सा साल है?’’ 
''हमारे हिसाब से ये 2022 होना चाहिए।’’
दूसरी ओर सन्नाटा छा गया।
     मनुष्य की हमेशा से इच्छा रही है वह समय यात्रा करे। टाइम मशीन बनाने की परिकल्पना भी होती रही हैं। यदा-कदा ऐसे सुनने को भी मिलता है की कुछ लोग समय यात्रा कर चुके हैं। हालांकि ऐसा कहीं प्रामाणिक सत्य नहीं है। क्योंकि यह एक असंभव कल्पना है। कोई भी आदमी एक समय दो जगह कैसे उपस्थित हो सकता है। लेखक महोदय ने ऐसे अनेक प्रश्नों का उत्तर बहुत तार्किक ढंग से दिया है। 
         हालांकि 'निमिष' एक काल्पनिक रचना है और उसे उपन्यास के हिसाब से तैयार करने में कुछ रोचक तथ्यों को शामिल करना पड़ता है। ऐसा इस उपन्यास में भी है। लेकिन उन रोचक तथ्यों से परे सत्य के करीब तर्क भी उपस्थित हैं जो पाठक को प्रभावित करते हैं।

सन् 2122 में निमिष और अवनि को एक रोचक किरदार मिलता है। हालांकि जिम नामक व्यक्ति की भूमिका बहुत ही कम है लेकिन वह अल्पसमय में भी अपना प्रभाव स्थापित कर जाता है। उसका एक विशेष कथन बहुत हास्यजनक प्रतीत होता है- 
जिम ने उदासीन स्वर में कहा-''आप कहें तो इन्हें फायरप्लेस में झोंक दूं?’’
      निमिष उपन्यास समय यात्रा पर आधारित एक रोचक उपन्यास है। जो पूर्व में स्थापित क ई धारणाओं को खत्म करता है और कई नयी धारणाएँ स्थापित भी करता है। 
सबस महत्वपूर्ण प्रश्न यह है की क्या समय यात्रा संभव है? लेखन महोदय ने इस प्रश्न का बहुत प्रभावशाली और विस्तृत रूप से उत्तर दिया है। 
उपन्यास- निमिष
लेखक-   ब्रजेश कुमार शर्मा/ अजिंक्य शर्मा
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4 comments:

  1. आज कल मैं भी इसे पढ़ रहा हूं। उपन्यास के प्रति उत्सुकता जगाता आलेख।

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  2. मैने पढ़ी है , बहुत बढ़िया किताब है।

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  3. लेखक की मेहनत उपन्यास में स्पष्ट होती है।

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