कुछ प्यार की कुछ संसार की...
एक शाम तथा अन्य रचनाएं- विकास नैनवाल
लघुकथाएंँ और काव्य रचनाएँ
किंडल पर मित्र विकास नैनवाल जी का लघुकथाओं का एक छोटा सा संग्रह पढने को मिला। इस संग्रह की कथाएँ अलग-अलग समय लिखी होने के साथ-साथ अगल-अलग परिवेश को व्यक्त करनी है।
प्यार, मनुष्य का स्वभाव, ......जैसे अन्य विषयों पर लिखी गयी ये रचनाएँ मन को छू जाती हैं और कहीं-कहीं हमें सोचने को विवश भी करती है। ऐसा ही एक प्रश्न 'फैसला' कथा में लेखक पाठकों से करता है- 'आप शशि हैं। आप ऐसे मौके पर क्या करते? शशि ने वही किया।'
'फैसला' कहानी मनुष्य के स्वार्थी मन की कहानी है जो दूसरे के कर्तव्य को सचेत करना चाहता है लेकिन स्वयं अपना कर्तव्य भूल जाता है। ऐसी ही एक और कहानी है 'चालान'।
'मिस एडवेंचर आॅफ तोताराम' यह इस संग्रह की एक अलग तरह की कहानी है। दो पात्रों तोताराम और इलाचयी पर लिखी गयी यह कहानी रोचक तो है पर अधूरी है। उम्मीद है लेखक महोदय इसका आगे भाग भी पाठकों तक पहुंचायेंगे।
प्रेम और प्रेम की पीर को व्यक्त करती लघुकथाएं आपको पढने को मिलेंगी।
"प्रेम क्या है?" मैंने अपना प्रश्न दोहराया।
".....जिस व्यक्ति के साथ हम प्रेम करते हैं, उसके साथ झगड़ा भी होगा, कटु अनुभव भी होंगे लेकिन उनके चलते हम उन्हें छोड़ेंगे नहीं। हमे पता है इन कटु अनुभवों के आलावा भी ऐसे कई सुन्दर अनुभव हैं जो हमे उनके साथ हुए हैं या आगे चलकर होंगे। प्रेम छोड़ने का नाम नहीं पकड़ने का नाम है।"
प्रेम की बहुत सुंदर परिभाषा दी है और कई पात्र इस परिभाषा पर खरे उतरते नजर आते हैं।
वह चाहे 'प्रेम और पेग' का किरदार हो या 'झिझक' का रवि।
इस विषय पर कुछ और देख लेते हैं
जो चीज आपके लिए जरूरी होती है वो आपको ही बचानी पड़ती है। इश्क भी तो शायद ऐसा ही कुछ था। लोगों को ये मेरी बेवकूफी लग सकती थी लेकिन.. "
ऐसा होता है इश्क और ऐसी है इश्क की कहानी 'स्टेशन'।
कन्या भ्रूण हत्या पर मार्मिक रचना है 'हत्या'। जो हमारे वर्तमान समाज के वास्तविक चेहरे को अनावृत करती नजर आती है। ऐसे ही समाज के समाज और स्वार्थी तत्वों को बेनकाब करती रचनाएँ हैं 'देशप्रेमी' और 'गौभक्त'।
'चाँद, सूरज और धुँआ' मुझे बहुत मार्मिक रचना लगी।
'एक शाम तथा अन्य रचनाएँ' जैसा की शीर्षक से प्रतीत होता है इसमें 'अन्य रचनाएँ' शब्द जुड़ा और वह अन्य रचनाएँ हैं विकास नैनवाल जी द्वारा लिखी गयी छोटी -छोटी मर्मस्पर्शी कविताएँ, हालांकि लेखक उसे कविताएँ न कह कर अपने मन के भाव कहता है। लेकिन वे सब भाव 'काव्य' में व्यक्त हैं।
और अंत में लेखक की एक कविता
क्यों पढ़ते हो तुम? क्या मिलता है पढ़कर?
अक्सर पूछा जाता है मुझसे,
मैं उन्हें देखता हूँ,
अगर आप से भी यह प्रश्न पूछा जाता है तो आप इस कविता का एक अंश और देख लीजिएगा क्योंकि अक्सर पाठक वर्ग से उक्त सवाल लोग पूछ लेते हैं, शायद यही सवाल किसी ने लेखक से पूछा होगा तो लेखक बहुत अच्छा उत्तर दिया।
'शब्दों के उड़न खटोले पर बैठकर मैं पहुँच जाता हूँ दूर देश में, शब्दों के ज़रिये अनुभव कर सकता हूँ मैं कई ज़िंदगियाँ,
लघु कलेवर की रचना में आपको जीवन के विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे। प्यार, नफरत, समाज और मानव के अंतर्द्वंद्व को को स्पष्ट करती ये रचनाएँ पठनीय है।
पुस्तक- एक शाम तथा अन्य रचनाएं
लेखक- विकास नैनवाल
फाॅर्मेट- ebook on Kindle
लिंक- एक शाम एवं अन्य रचनाएँ
एक शाम तथा अन्य रचनाएं- विकास नैनवाल
लघुकथाएंँ और काव्य रचनाएँ
किंडल पर मित्र विकास नैनवाल जी का लघुकथाओं का एक छोटा सा संग्रह पढने को मिला। इस संग्रह की कथाएँ अलग-अलग समय लिखी होने के साथ-साथ अगल-अलग परिवेश को व्यक्त करनी है।
प्यार, मनुष्य का स्वभाव, ......जैसे अन्य विषयों पर लिखी गयी ये रचनाएँ मन को छू जाती हैं और कहीं-कहीं हमें सोचने को विवश भी करती है। ऐसा ही एक प्रश्न 'फैसला' कथा में लेखक पाठकों से करता है- 'आप शशि हैं। आप ऐसे मौके पर क्या करते? शशि ने वही किया।'
'फैसला' कहानी मनुष्य के स्वार्थी मन की कहानी है जो दूसरे के कर्तव्य को सचेत करना चाहता है लेकिन स्वयं अपना कर्तव्य भूल जाता है। ऐसी ही एक और कहानी है 'चालान'।
'मिस एडवेंचर आॅफ तोताराम' यह इस संग्रह की एक अलग तरह की कहानी है। दो पात्रों तोताराम और इलाचयी पर लिखी गयी यह कहानी रोचक तो है पर अधूरी है। उम्मीद है लेखक महोदय इसका आगे भाग भी पाठकों तक पहुंचायेंगे।
प्रेम और प्रेम की पीर को व्यक्त करती लघुकथाएं आपको पढने को मिलेंगी।
"प्रेम क्या है?" मैंने अपना प्रश्न दोहराया।
".....जिस व्यक्ति के साथ हम प्रेम करते हैं, उसके साथ झगड़ा भी होगा, कटु अनुभव भी होंगे लेकिन उनके चलते हम उन्हें छोड़ेंगे नहीं। हमे पता है इन कटु अनुभवों के आलावा भी ऐसे कई सुन्दर अनुभव हैं जो हमे उनके साथ हुए हैं या आगे चलकर होंगे। प्रेम छोड़ने का नाम नहीं पकड़ने का नाम है।"
प्रेम की बहुत सुंदर परिभाषा दी है और कई पात्र इस परिभाषा पर खरे उतरते नजर आते हैं।
वह चाहे 'प्रेम और पेग' का किरदार हो या 'झिझक' का रवि।
इस विषय पर कुछ और देख लेते हैं
जो चीज आपके लिए जरूरी होती है वो आपको ही बचानी पड़ती है। इश्क भी तो शायद ऐसा ही कुछ था। लोगों को ये मेरी बेवकूफी लग सकती थी लेकिन.. "
ऐसा होता है इश्क और ऐसी है इश्क की कहानी 'स्टेशन'।
कन्या भ्रूण हत्या पर मार्मिक रचना है 'हत्या'। जो हमारे वर्तमान समाज के वास्तविक चेहरे को अनावृत करती नजर आती है। ऐसे ही समाज के समाज और स्वार्थी तत्वों को बेनकाब करती रचनाएँ हैं 'देशप्रेमी' और 'गौभक्त'।
'चाँद, सूरज और धुँआ' मुझे बहुत मार्मिक रचना लगी।
'एक शाम तथा अन्य रचनाएँ' जैसा की शीर्षक से प्रतीत होता है इसमें 'अन्य रचनाएँ' शब्द जुड़ा और वह अन्य रचनाएँ हैं विकास नैनवाल जी द्वारा लिखी गयी छोटी -छोटी मर्मस्पर्शी कविताएँ, हालांकि लेखक उसे कविताएँ न कह कर अपने मन के भाव कहता है। लेकिन वे सब भाव 'काव्य' में व्यक्त हैं।
और अंत में लेखक की एक कविता
क्यों पढ़ते हो तुम? क्या मिलता है पढ़कर?
अक्सर पूछा जाता है मुझसे,
मैं उन्हें देखता हूँ,
अगर आप से भी यह प्रश्न पूछा जाता है तो आप इस कविता का एक अंश और देख लीजिएगा क्योंकि अक्सर पाठक वर्ग से उक्त सवाल लोग पूछ लेते हैं, शायद यही सवाल किसी ने लेखक से पूछा होगा तो लेखक बहुत अच्छा उत्तर दिया।
'शब्दों के उड़न खटोले पर बैठकर मैं पहुँच जाता हूँ दूर देश में, शब्दों के ज़रिये अनुभव कर सकता हूँ मैं कई ज़िंदगियाँ,
लघु कलेवर की रचना में आपको जीवन के विभिन्न रंग देखने को मिलेंगे। प्यार, नफरत, समाज और मानव के अंतर्द्वंद्व को को स्पष्ट करती ये रचनाएँ पठनीय है।
पुस्तक- एक शाम तथा अन्य रचनाएं
लेखक- विकास नैनवाल
फाॅर्मेट- ebook on Kindle
लिंक- एक शाम एवं अन्य रचनाएँ
मेरी रचनाओं पर अपनी बात रखने के लिए शुक्रिया गुरप्रीत जी। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही तोताराम से आपकी एक विस्तृत मुलाकात होगी।
ReplyDeleteतोता राम और इलायची का इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteधन्यवाद।
बहुत सुंदर प्रतिक्रिया
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteबढ़िया
ReplyDeleteआभार राम भाई...
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