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Saturday, 14 December 2019

252. चालबाज बूढा- इब्ने सफी

जासूसी दुनिया अंक-07
चालबाज बूढा-  इब्ने सफी, उपन्यास

"गेट पर लाश"
"क्या मतलब?"
"मतलब यह की हमारे गेट पर एक लाश पड़ी हुई है।"
"गेट पर...?" फरीदी ने जल्दी उठते हुए कहा।
"अरे..." फरीदी बरामदे में पहुंच कर ठिठक गया। फिर तेजी से चलता हुआ गेट पर आया। लाश गेट से मिली हुयी बाहर की तरफ पड़ी थी। फरीदी ने जल्दी से गेट को खोला। यह एक नौजवान की लाश थी।
....

उक्त दृश्य है इब्ने सफी के 'फरीदी-हमीद' सीरीज के उपन्यास 'चालबाज बूढा' का।
शहर में एक के बाद एक कत्ल हो रहे थे और लाश प्रसिद्ध जासूस फरीदी के गेट पर पायी जाती थी।
अभी पहली लाश की पहेली सुलझ भी न पायी थी की एक और लाश फरीदी के गेट पर पायी गयी। फरीदी- हमीद के साथ-साथ पुलिस भी हैरान थी की यह लाश का क्या चक्कर है।
सिविल पुलिस के थकहार जाने के बाद यह मामला डिपार्टमेंट आॅफ इन्वेस्टिगेशन को सुंपुर्द कर दिया गया।
फरीदी इस केस का इंचार्ज बन तो गया। लेकिन अभी तक वह किसी रास्ते को चुन नहीं सका। 



          इब्ने सफी उर्दू के चर्चित जासूसी उपन्यासकार रहे हैं। यह उनके उपन्यास का हिन्दी अनुवाद है जो पढने को मिला। उपन्यास का कथानक फरीदी के घर के गेट पर एक के पश्चात एक गेट लाश मिलती आरम्भ हो जाती है।
आखिर फरीदी के गेट पर कौन और किसकी और क्यों लाश पटक रहा था।
इसी रहस्य को सुलझाने के लिए फरीदी सक्रिय होता है और इस रहस्य से पर्दा उठता है।
         उपन्यास में प्रसिद्ध अपराधी जाबिर उर्फ चालबाज बूढा का किरदार खतरनाक है पर यह भी अखरता है की जाबिर का उपन्यास में नाम तो दहशत का पर्याय है पर वह कहीं सक्रिय रूप से दिखाई नहीं देता। यह कमी इब्ने सफी साहब के अन्य उपन्यासों में भी दिखाई देती है जिनमें विलेन का जिक्र तो खूब होता पर विलेन कहीं नजर नहीं आता।
इस उपन्यास में कहीं-कहीं फरीदी की सक्रियता या जासूसी की जगह संयोग ज्यादा नजर आता है।

उपन्यास का कलेवर छोटा है इसलिए कुछ घटनाक्रम अधूरे से जान पड़ते हैं। कुछ जगह विस्तार की आवश्यकता महसूस होती है, लेकिन यह वह दौर था जब उपन्यास छोटे आकार में लिखे जाते थे। हालांकि कहानी में कहीं अधूरापन नहीं है।

       इब्ने सफी द्वारा लिखा गया यह एक रोचक उपन्यास है। यह एक मर्डर मिस्ट्री है। बहुत उलझन भरी जिसमें न तो कातिल का पता चलता है और न कत्ल की वजह। पाठक अंत तक हैरत में रहता की आखिर क्या घटित हो रहा है और अंत में सब रहस्य उद्घाटित होते हैं। इब्ने सफी के अपने अंदाज में रची गयी यह मर्डर मिस्ट्री पठनीय है।

उपन्यास- चालबाज बूढा
लेखक-    इब्ने सफी
प्रकाशक- हार्पर काॅलिंस
पृष्ठ-
मूल्य-
अमेजन लिंक- 

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