लवंग- कुशवाहा कांत, उपन्यास, सामाजिक, रोचक, पठनीय।
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लवंग कहानी एक अमीर बाप के शराबी और वेश्यागामी पुत्र की कहानी है। लेकिन शराब और शबाब उसे खत्म करने की कगार पर है पर वह उन्हें छोङ नहीं पाता। लेकिन तब उसे मिलती है एक सच्चे प्यार वाली लेकिन क्या वह सच्चे प्यार के सामने अपने को बदल पाया।
कुशवाहा कांत की लेखनी से निकला एक जबरदस्त कथानक है लवंग।
अमीर बाप के एकमात्र पुत्र जयराज का संपर्क एक वेश्या गुलशन से होता है। यह जो गुलशन है- वह आँधी है। आँधी के प्रबल वेग की तरह उसके पास यौवन का उन्मादकारी आकर्षण है। (पृष्ठ-141) और उसके आकर्षण में फंस है जयराज। भी एक ऐसी वेश्या-
और दिल में जहर
यही है एक वेश्या की परिभाषा।(पृष्ठ-26)
लेकिन जयराज को एक अमवा गांव की, कंजर जाति की, तमाशा दिखाने वाली लङकी लवंग पसंद आ जाती है। - एक अमीर और एक गरीब- दोनों के हृदयों पर प्रेम के मादक करों ने अपनी छाया कर रखी थी और वे दोनों प्राणी उस प्रेम सरोवर में गोते खाते हुए अपनी अमीरी और गरीबी का अस्तित्व तक भुल गये थे।
यह था प्रेम।
जिसके आगे संसार के समस्त भेदभाव तुच्छ एवं हेय हैं। (पृष्ठ-176)
और वह लवंग के लिए गुलशन का अपमान कर देता है। नारी सब कुछ सहन कर सकती है, परंतु अपना अपमान वह कभी नहीं सह सकती- सो भी एक वेश्या।( पृष्ठ-24)