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Monday, 6 March 2017

22. नशीला जहर- विक्की आनंद


विक्की आनंद हिंदी के असाहित्यिक उपन्यास क्षेत्र में जासूसी उपन्यासकार माने जाते हैं। इनके उपन्यास डायमंड पाॅकेट बुक्स से प्रकाशित होते रहें हैं।
प्रस्तुत उपन्यास  ' नशीला जहर' विक्की आनंद का डैडमैन सीरीज का एक तेज रफ्तार जासूसी उपन्यास है।
इस उपन्यास की एक झलक इसके शीर्षक को स्पष्ट कर देगी।
"उसे नहीं मालूम था कि ओसमन उसकी बोतल में वह चमत्कारी 'सेक्स कैप्सूल' डाल चुकी थी....जिसने चौधरी साहब जैसे ब्रह्मचारी के शरीर में सैक्स का वह लावा भर दिया था कि वह अपनी बेटी समान धर्मप्रसाद की नवविवाहिता बेटी से अनायास चिपट गया और  उस दौरान मची अफरा-तफरी के दौरान किसी ने धर्म प्रसाद जी का कत्ल कर दिया"
      धर्म प्रसाद जी विधायक  हैं, जनता के सच्चे साथी। किसान- मजदूर के सच्चे हमदर्द, लेकिन एक दिन उनकी पुत्री के विवाह समारोह में उनका कत्ल कर दिया जाता है। चौधरी साहब धर्मप्रसाद जी के सर्वाधिक विश्वसनिय मित्र। लेकिन कातिल का कुछ पता नहीं चलता।  तब मैदान में उतरती है मेरिया। 

       जासूस मेरिया, सरकारी जासूस।  वह घटनास्थल की जानकारी लेती है।
आखिर क्यों चौधरी साहब जैसे व्यक्ति ने ऐसी हरकत की? इसी बात को आधार बना कर वह उस वेटर तक जा पहुंचती है जिसने इस समारोह में शराब चौधरी साहब को दी थी। लेकिन उस तक पहुंचना भी बेकार हो जाता है क्योंकि वेटर का कत्ल कर दिया जाता है।
  तब मेरिया मदद लेती है अपने मित्र डेविड की और डैडमैन स्वयं मदद को उपस्थित है।
कहानी जैसे जैसे आगे बढती है, वैसे-वैसे रहस्य से पर्दा उठता जाता है। और अंत में डैडमैन अपराधियों को खत्म कर देता है।
पात्र-
मेरिया- एक जासूस है।
डेविड- मेरिया का साथी।
डैडमैन- एक भारतीय जासूस। जो एक अभियान के तहत मारा गया, लेकिन अब भी वह मेरिया की मदद के लिए उपस्थित हो जाता है।
ओसमन- एक विदेशी महिला। जो अपराधीवर्ग की साथी है।
क्रिस्टोफर- एक विदेशी व्यक्ति। जो भारत में साजिश रचता है।
ठक्कर- एक व्यापारी। जो अपने हित के लिए विदेशी लोगों की मदद से भारत में दंगे फैलाता है।
फारुख दलाल- ठक्कर व विदेशी लोगों का मध्यस्थ ।
धर्मप्रसाद- एक सज्जन विधायक ।
चौधरी साहब- धर्मप्रसाद का विश्वसनीय व्यक्ति। जिसे माध्यम बनाकर धर्मप्रसाद जी का कत्ल किया जाता है।
शाॅर्टी- इंटरपोल द्वारा घोषित एक अपराधी।
इनके अलावा और भी बहुत से पात्र हैं जो उपन्यास को आगे बढाते हैं।
कहानी- कहानी की बात करें तो कुछ भारतीय लोग अपने व्यापारिक लाभ के लिए विदेशी लोगों की मदद से भारत में इस प्रकार के नशीले कैप्सूल वितरित करते हैं जिनके सेवन से व्यक्ति में वासना जाग जाती है और वह आदमी से हैवान बन जाता है।
           उपन्यास की कहानी अच्छी है, लेकिन लेखक ने लगता है अति जल्दबाजी में उपन्यास को लिखा है, जिसके कारण उपन्यास में गलतियों की कमी नहीं है। लगता है जैसे लेखक लिखते वक्त स्वयं भूल जाता है की वह क्या लिख रहा है।
उपन्यास का समापन अचानक हो जाता है, पता नहीं ऐसा क्यों किया गया है। जहां पाठक को लगता है की रोचकता बढेगी वहाँ अकस्मात उपन्यास एक झटके से खत्म हो जाता है।
"तभी पूरा टापू हिलता हुआ सा लगा और उसके कान में डैडमैन की आवाज आई, -खतरनाक कैप्सूलों का भण्डार केन्द्र यही है....उसके निर्माताओं के साथ इनका विनाश अब जरूरी है..स्याह नकाबपोशों की मशीनगनों की नालें स्वयं ही अपनी ओर पलट गयी.....गोलियों की एक ही बाढ में धुआं छा गया"
और उपन्यास खत्म।
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उपन्यास- नशीला जहर
लेखक- विक्की आनंद
सन्- 1997
तात्कालिक मूल्य- 20₹
प्रकाशक- डायमंड पाॅकेट बुक्स- दिल्ली
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इसी उपन्यास में विक्की आनंद का एक लघु उपन्यास 'रहस्यमयी चित्र' भी शामिल है। यह उपन्यास इनके प्रथम उपन्यास की बजाय अच्छा है, रोचक है, सस्पैंशपूर्ण है।
मिसेज मोनिक एक चित्रकार और मनोवैज्ञानिक (साइकलाॅजिस्ट) है। मिसेज मोनिक के बारे में प्रसिद्ध है की वह व्यक्ति के मनोभाव देखकर उसके भाव कैनवास पर उतार देती है।
शहर के प्रसिद्ध उद्योगपति सर फैयाज, जो की अय्याश किस्म के आदमी है, एक बार मिसेज मोनिक से अपना विशाल चित्र बनवाने पहुंच जाते है। चित्र बनवाते वक्त मिसेज मोनिक के सौन्दर्य को देखकर उनके चेहरे पर वासनात्मक भाव उभर जाते हैं, जिसे देखकर साइकलोजिस्ट चित्रकार मिसेज मोनिक उन भावों का चित्रण केनवास पर कर देती है। सर फैय्याज का चित्रण एक हवसी भेडिये के रूप में और उस चित्र को चित्र प्रदर्शनी में लगा देती है।
  अब कहानी यूँ घूमती है, शहर में दिन प्रति दिन बलात्कार की घटनाएं घटती है और बलात्कारी है एक भेडिए की शक्ल वाला इंसान दूसरी तरफ सर फैय्याज घर से गायब हो जाते हैं।
सर फैय्याज की बेटी की प्रार्थना पर भी मिसेज मोनिक उस चित्र को प्रदर्शनी से नहीं हटाती। तब कहानी में  प्रवेश होता  एक स्थानीय जासूस दीपक का जो एक- एक कर इन रहस्यमयी घटनाओं से पर्दा उठाता है और उस रहस्यमयी चित्र के रहस्य को खोल देता है।
पात्र-
कहानी में काफी रोचक व सनकी किस्म के पात्र उपस्थित हैं।
मिसेज मोनिक- एक साइक्लोजिस्ट चित्रकार। जिद्दी महिला, अपूर्व सौन्दर्य वाली।
मिस्टर मोनिक- एक सनकी किस्म का वैज्ञानिक। जो जानवरों की पूंछ काटकर उस पर प्रयोग करता है।
सर फैय्याज- शहर का रंगीन मिजाज उद्योगपति। जो अपना हवशी किस्म का चित्र बन जाने के बाद घर से गायब है।
दीपक- एक जासूस । जो इन घटनाओं की खोजबीन करता है।
- आखिर क्या रहस्य है इन घटनाओं और सर फैय्याज के गायब होने में?
- क्या मिसेज मोनिक इस चित्र को अपनी प्रदर्शनी से हटा देती है?
- कौन है इन घटनाओं के पीछे?
- क्या सर फैय्याज घर लौटे?
इन समस्त घटनाओं को जानने के लिए पाठक को यह लघु रोचक उपन्यास पढना होगा।
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उपन्यास- रहस्यमय चित्र (1997)
लेखक- विक्की आनंद
प्रकाशक- डायमंड पाॅकेट बुक्स
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विक्की आनंद के डायमंड पाॅकेट बुक्स द्वारा प्रकाशित उपन्यासों की सूची।
1. कोहराम
2. वहशी
3. स्कैण्डल
4. गुमराह
5. डैडमैन
6. धुंध
7. पापी
8. खून के धब्बे
9. प्रतिशोध की ज्वाला
10. डायल 999
11. प्रचंड प्रतिशोध
12. रात भयानक थी
13. बम ब्लास्ट
14. गुंडा
15. तेजाब
16. ज्वाला
17. शैतान
18. जाबांज
19. जहर
20. अंधेरी रात
21. दंगा फसाद
22. हत्या
23. टाइम बम
24. हम मौत बेचते हैं।
25. जल्लाद
26. तकदीर का तमाशा
27. इंतकाम का अंजाम
28. प्राण दण्ड
29. क्रिमिनल युनियन
30. जेल में खून
31.नशीला जहर -1997
32. रहस्यमय चित्र (लघु उपन्यास)
33. इक्कीस साल बाद
  (सन् 1997 तक की सूची, जो उपलब्ध हो सकी)

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