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Wednesday, 14 December 2016

4. बूढी डायरी- अशोक जमनानी

          एक अनोखी बूढी डायरी
काल्पनिक डायरी- लेखक - अशोक जमनानी .................................................... ।
  इन दिनों जो किताब पढी वह है, अशोक जमनानी जी कि 'बूढी डायरी'।

यह पूर्णत: काल्पनिक डायरी है।  जिसमें डायरी लेखक अपनी स्वर्गीय पत्नी को संबोधित कर लेखन करता है। लेकिन यह कोई पारिवारिक कथा लेखन नहीं है, यह तो प्राचीनकालिन उस भारत का वर्णन है, जिसके कारण भारत कि समृद्ध संस्कृति का पता चलता है।
यह डायरी राष्ट्रकूट और कलचुरि शासन कि समृद्ध मूर्ति कला का जीवंत वर्णन करती है। वर्तमान के माध्यम से अतीत का गौरवशाली चित्रण है।
डायरी में पाठक को प्राचीन मूर्ति कला का चित्रण मिलेगा साथ में तात्कालिक सभ्यता का वर्णन भी लघुकथाओं के माध्यम से प्राप्त होगा।
डायरी में इन के अलावा जो तीसरा और विशेष वर्णन है, वह है एक विधुर व्यक्ति से एक पुत्र का अलगाव जो आपकी आंखों में आंसु ले आयेगा॥
वर्तमान के माध्यम से अतीत का वर्णन और फिर वर्तमान का चित्रण करती यह काल्पनिक डायरी पढने योग्य है।
160 पृष्ठ कि यह डायरी आपको जरा सा भी नीरस नहीं करेगी।
अगर बात करें लेखन शैली कि तो यहीं खूबी इस डायरी को पढने के योग्य बनाती है। लेखन का अंदाज जो पाठक को बांधे रखने में सक्षम है।
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रचना- बूढी डायरी
लेखक- अशोक जमनानी
पृष्ठ -160.
मूल्य-250रुपये।
email- aashok_jamnani@hotmail.com
www.ashokjamnani.com

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